1. दिल तो पागल है

             1

दिल तो पागल है, दिल दीवाना है

पहली पहली बार मिलाता है यही

सीने में फिर आग लगाता है

धीरे-धीरे प्यार सिखाता है यही

हंसाता है यही, यही रुलाता है

दिल तो पागल है, दिल दीवाना है

सारी सारी रात जगाता है यही

अंखियों से नींद चुराता है

सच्चे झूठे ख़्वाब दिखाता है यही

हंसाता है यही, यही रुलाता है

दिल तो पागल है, दिल दीवाना है

     इस दिल की बातों में जो आते हैं

     वह भी दीवाने हो जाते हैं

     मंज़िल तो राही ढूंढ लेते हैं

     रास्ते मगर खो जाते हैं

दिल तो पागल है, दिल दीवाना है

 

                2

सूरत से मैं न पहचानूंगी

नाम से भी न उसको जानूंगी

देखूंगी कुछ न मैं सोचूंगी

दिल जो कहेगा वही मानूंगी

दिल तो पागल है, दिल दीवाना है

हाय पागल है, हां दीवाना है

     दिल का कहना हम सब मानें

     दिल न किसी की मानें

     जानें भी हम में, जान गये सब

     एक वही न जाने

दिल तो पागल है, दिल दीवाना है

रहने दो छोड़ो ये कहानियां

दीवानेपन की सब निशानियां

लोगों की सारी परेशानियां

इस दिल की हैं ये महरबानियां

दिल तो पागल है, दिल दीवाना है

 

                                  3

सारी सारी रात जगाता है यही

अंखियों से नींद चुराता है

सच्चे झूठे ख़्वाब दिखाता है यही

हंसाता है यही, यही रुलाता है

दिल तो पागल है, दिल दीवाना है

 

 

 

2. दिल ने कहा चुपके से ये क्या हुआ चुपके से

Film:

1942 A Love Story

Music:

R D Burman

Lyrics:

Javed Akhtar

Singer (s):

Kavita Krishnamurthy

Starring:

Manisha Koirala, Anil Kapoor, Jackie Shroff

दिल ने कहा चुपके से, ये क्या हुआ चुपके से आ
(
क्यों नये लग रहें है ये धरती गगन
मैंने पूछा तो बोली ये पगली पवन
प्यार हुआ चुपके से, ये क्या हुआ चुपके से ) - २

तितलियों से सुना आ, तितलियों से सुना
मैंने किस्सा बाग का, बाग में थी एक कली
शर्मीली अनछुई, एक दिन मनचला, हो, भँवरा आ गया
खिल उठी वो कली पाया रूप नया
पूछती थी कली के मुझे क्या हुआ
फूल हँस चुपके से, प्यार हुआ चुपके से

मैंने बादल से कभी, ओ मैंने बादल से कभी
ये कहानी थी सुनी, पर्वतों की एक नदी, मिलने सागर से चली
झूमती घूमती, हो, नाचती डोलती
खो गयी अपने सागर में जाके नदी
देखने प्यार की ऐसी जादूगरी
चाँद खिला चुपके से, प्यार हुआ चुपके से

क्यों नये लग रहें है ये धरती गगन
मैंने पूछा तो बोली ये पगली पवन
प्यार हुआ चुपके से, ये क्या हुआ चुपके से
क्यों नये लग रहें है ये धरती गगन
मैंने पूछा तो बोली ये पगली पवन
दुरुना दुरुना दुरुना दुरुना दुरुना दुरुना ...

 

 

3. मेहंदी लगा के रखना

 

मेहंदी लगा के रखना, डोली सजा के रखना

मेहंदी लगा के रखना, डोली सजा के रखना

लेने तुझे ओ गोरी आयेंगे तेरे सजना

मेहंदी लगा के रखना, डोली सजा के रखना

 

सहरा सजा के रखना, चेहरा छुपा के रखना

सहरा सजा के रखना, चेहरा छुपा के रखना

यह दिल की बात अपने दिल में दबा के रखना

सहरा सजा के रखना, चेहरा छुपा के रखना

मेहंदी लगा के रखना, डोली सजा के रखना

 

उड़ उड़ के तेरी ज़ुल्फ़ें करती हैं क्या इशारे

दिल थम के खड़े हैं आशिक सभी कुंवारे

छुप जाएं सारी कुड़ियां घर में शर्म के मारे

गांव में आ गये हैं पागल शहर के सारे

 

नज़रें झुका के रखना, दामन बचा के रखना

नज़रें झुका के रखना, दामन बचा के रखना

लेने तुझे ओ गोरी आयेंगे तेरे सजना

मेहंदी लगा के रखना, डोली सजा के रखना

सहरा सजा के रखना, चेहरा छुपा के रखना

 

मैं एक जवान लड़का, तू एक हसीन लड़की

यह दिल मचल गया तो मेरा कसूर क्या है

रखना था दिल पे काबू , वह हुस्न तो है जादू

जादू ही चल गया तो मेरा कसूर क्या है

 

रास्ता हमारा ताकना, दरवाज़ा खुला रखना

रास्ता हमारा ताकना, दरवाज़ा खुला रखना

लेने तुझे ओ गोरी आयेंगे तेरे सजना

कुछ और अब न कहना, कुछ और अब न करना

कुछ और अब न कहना, कुछ और अब न करना

यह दिल की बात अपने दिल में दबा के रखना

मेहंदी लगा के रखना, डोली सजा के रखना

सहरा सजा के रखना, चेहरा छुपा के रखना

 

 

 

 

4. क्या हुआ तेरा वादा, वो क़सम वो इरादा

Film:

Ham Kisise Kam Nahin (1977)

Music:

R D Burman

Lyrics:

Majrooh

Singer (s):

Rafi, Sushma Shreshtha

Starring:

Zeenat, Rishi, Tariq

क्या हुआ तेरा वादा, वो क़सम वो इरादा (२)
भूलेगा दिल, जिस दिन तुम्हें
वो दिन जिन्दगी का आखिरी दिन होगा
क्या हुआ तेरा वादा, वो क़सम वो इरादा
याद है मुझको तूने कहा था
तुमसे नहीं रुठेंगे कभी
फिर इस तरह से आज मिले हैं
कैसे भला छूटेंगे कभी
तेरी बाहों में बीते हर शाम
के तुझे कुछ भी याद नहीं
क्या हुआ ...
ओ कहने वाले मुझको फ़रेबी
कौन फ़रेबी है ये बता
हो जिसने गम लिया प्यार की खातिर
या जिसने प्यार को बेच दिया
नशा दौलत का ऐसा भी क्या
बेवफ़ा ये तुझे याद नहीं
क्या हुआ ...
भूलेगा दिल जिस दिन तुम्हें
वो दिन जिन्दगी का आखिरी दिन होगा
क्या हुआ तेरा वादा, वो कसम वो इरादा 

 

 

5. क्या देखते हो, सूरत तुम्हारी

Film:

Qurbani (1980)

Music:

Kalyanji-Anandji

Lyrics:

Indeevar

Singer (s):

Rafi, Asha

Starring:

Feroz Khan, Zeenat Aman

आशा: क्या देखते हो?
रफ़ी: सूरत तुम्हारी
आशा: क्या चाहते हो?
रफ़ी: चाहत तुम्हारी
आशा: न हम जो कह दें?
रफ़ी: कह न सकोगी
आशा: लगती नहीं ठीक नीयत तुम्हारी
क्या देखते हो ...
रफ़ी: रोज़-रोज़ देखूँ तुझे नई-नई लगे मुझे
तेरे अँगों में अम्रित की धारा -२
आशा: मिलने लगे ढंग तेरे, देखे कोई रँग तेरे
तेरी बातों का अन्दाज़ प्यारा -२
रफ़ी: शरारत से चहरा चमकने लगा क्यों
आशा: ये रँग लाई है संगत तुम्हारी
क्या देखते हो ...
आशा: सोचो ज़रा जान-ए-जिगर बीतेगी क्या तुमपे अगर
हमको जो कोई चुरा ले
तुमसे हमको जो कोई चुरा ले
रफ़ी: किसीने जो तुम्हें छीना, नामुम्किन है उसका जीना
कैसे नज़र कोई डाले
तुमपे कैसे नज़र कोई डाले
आशा: प्यार पे अपने इतना भरोसा
रफ़ी: इतना मोहब्बत में फ़ित्रत हमारी
आशा: क्या देखते हो ... 

 

 

 

            6.       कोरा कागज़ था यह मन मेरा

 

कोरा कागज़ था यह मन मेरा

लिख लिया नाम इस पे तेरा

सूना आंगन था जीवन मेरा

बस गया प्यार इस पे तेरा

 

टूट न जायें सपने मैं डरता हूं

नित दिन सपनों में देखा करता हूं

टूट न जायें सपने मैं डरता हूं

नित दिन सपनों में देखा करता हूं

नैना कजरारे मतवारे ये इशारे

ख़ाली दरपन था यह मन मेरा

रच गया रूप इस में तेरा

 

कोरा कागज़ था यह मन मेरा

लिख लिया नाम इस पे तेरा

 

चैन गंवाया मैंने निंदिया गंवायी

सारी सारी रात जागूं, दूं मैं दुहाई

कहूं क्या आगे नेहा लागे जी न लागे

कोई दुश्मन था यह मन मेरा

बन गया मीत जा के तेरा

 

कोरा कागज़ था यह मन मेरा

लिख लिया नाम इस पे तेरा

 

बागों में फूलों के खिलने से पहले

तेरे मेरे नैनों के मिलने से पहले

कहां की ये बातें

मुलाकातें

ऐसी रातें

 

टूटा तारा था यह मन मेरा

बन गया चांद होके तेरा

 

कोरा कागज़ था यह मन मेरा

लिख लिया नाम इस पे तेरा

 

 

 

7.  कभी-कभी

फ़िल्म कभी-कभी             आवाज़ -  मुकेश

 

कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है

कि जैसे तुझ को बनाया गया है मेरे लिये

तू अब से पहले सितारों में बस रही थी कहीं

तुझे ज़मीन पे बुलाया गया है मेरे लिये

कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है

कि यह बदन, ये निगाहें मेरी अमानत हैं

यह गेसूओं की घनी छांव है मेरी खातिर

ये होंट और ये बांहें मेरी अमानत हैं

कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है

कि जैसे बजती हैं शहनाइयां सी राहों में

 

सुहाग रात है, घूंघट उठा रहा हूं मैं

सुहाग रात है, घूंघट उठा रहा हूं मैं

सिमट रही है तू शरमा के अपनी बांहों में

कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है

कि जैसे तू मुझे चाहेगी उम्र भर यूं ही

उठेगी मेरी तरफ़ प्यार की नज़र यूं ही

 

मैं जानता हूं कि तू ग़ैर है मगर यूं ही

कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है

 

 

8.   जाने कहां गये वह दिन...

 

 

जाने कहां गये वह दिन, कहते थे तेरी राह में

नज़रों को हम बिछाएंगे

जाने कहां गये वह दिन, कहते थे तेरी राह में

नज़रों को हम बिछाएंगे

चाहे कहीं भी तुम रहो, चाहेंगे तुम को उम्र भर

तुम को न भूल पाएंगे

 

मेरे क़दम जहां पड़े, सजदे किये थे यार ने

मेरे क़दम जहां पड़े, सजदे किये थे यार ने

मुझ को रुला रुला दिया जाती हुई बहार ने

 

जाने कहां गये वह दिन....

 

अपनी नज़र में आजकल दिन भी अंधेरी रात है

साया ही अपने साथ था, साया ही अपने साथ है

 

जाने कहां गये वह दिन...

 

 

 

 

9. दिल का हाल सुने दिलवाला, सीधी सी बात न मिर्च मसाला

Film:

Shree 420 (1955)

Music:

Shankar-Jaikishan

Lyrics:

Shailendra

Singer (s):

Manna De

Starring:

Raj Kapoor, Nargis, Nadira

दिल का हाल सुने दिलवाला
सीधी सी बात न मिर्च मसाला
कहके रहेगा कहनेवाला
दिल का हाल सुने दिलवाला

छोटे से घर में गरीब का बेटा
मैं भी हूँ माँ के नसीब का बेटा (२)
रन्ज-ओ-ग़म बचपन के साथी
आँधियों में जली जीवन बाती
भूख ने हैं बड़े प्यार से पाला
दिल का हाल सुने दिलवाला

(हाय करूँ क्या सूरत ऐसी
गांठके पूरे चोर के जैसी - २)
चलता फिरता जानके एक दिन
बिना देखे पहचान के एक दिन
बांधके ले गया पुलिसवाला
दिल का हाल सुने दिलवाला

बूढ़े दारोगा ने चश्मे से देखा (२)
आगे से देखा पीछे से देखा
ऊपर से देखा नीचे से देखा
बोला ये क्या कर बैठे घोटाला
हाय ये क्या कर बैठे घोटाला
ये तो है थानेदार का साला,
दिल का हाल सुने दिलवाला

ग़म से अभी आज़ाद नहीं मैं
ख़ुश मगर आबाद नहीं मैं (२)
मंज़िल मेरे पास खड़ी है
पाँव में लेकिन बेड़ी पड़ी है
टांग देता है दौलतवाला,
दिल का हाल सुने दिलवाला

सुन लो मगर ये किसी से न कहना
तिनके का लेके सहारा न बहना (२)
बिन मौसम्मल हार न गाना
आधी रात को मच्चिल लाना
वरना पकड़ लेगा पुलिसवाला
दिल का हाल सुने दिलवाला
 

 

 

 

 

10. बस मेरी जान बस, मान ले मेरी बात

Film:

Aanchal ()

Music:

R D Burman

Lyrics:

Majrooh

Singer (s):

Lata, Kishore

Starring:

Rajesh Khanna, Raakhee, Rekha, Amol Palekar

कि: बस मेरी जान बस, मान ले मेरी बात
आज तेरी डोर, है हमारे साथ -२
ल: हो मतवाले, डर है यही
तुझ से कहीं डोरी छूट न जाए
कि: अरे, ऐसा भी क्या तेरा मेरा
है ज़िंदगी के साथ
ल: बस मेरी जान बस, मान ले मेरी बात
देख ऐसे न, चल हमारे साथ

ल: बस मेरी जान बस, मान ले मेरी बात
देख ऐसे न, चल हमारे साथ
कि: दीवाना मैं भी हूँ ऐसा
संग तेरा न छोड़ूं, चाहे जिया जाए
ल: अब लौट जा, ओ रे पिया
जोड़ूँ मैं तेरे हाथ
कि: बस मेरी जान बस, काहे जोड़े हाथ
डर तुझे किस का, मैं हूँ तेरे साथ

कि: बस मेरी जान बस, काहे जोड़े हाथ
डर तुझे किस का, मैं हूँ तेरे साथ
ल: हो, मान भी जा, मेरे संया
धड़के जिया कोई, आ ही न जाए
कि: अरे आए कोई, मैं तो यूँ ही
चाहूँ तुझे दिन राथ
कि: हँस मेरी जान हँस, ये हुई न बात
डर तुझे किस का, मैं हूँ तेरे साथ
हो, मैं हूँ तेरे साथ
मैं हूँ तेरे ---!
 

 

 

 

11. आप की याद आती रही रात भर

Film:

Gaman (1978)

Music:

Jaidev

Lyrics:

Maqdoom Mohiuddin

Singer (s):

Chhaya Ganguly

Starring:

Farooq Sheikh, Smita Patil

आप की याद आती रही रात भर
चश्‍म-ए-नम मुस्कुराती रही रात भर
आप की याद आती रही ...

रात भर दर्द की शमा जलती रही
ग़म की लौ थरथराती रही रात भर ...

बाँसुरी की सुरीली सुहानी सदा
याद बनबनके आती रही रात भर ...

याद की चाँद दिल में उतरती रही
चाँदनी डगमगाती रही रात भर ...

कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा
कोई आवाज़ आती रही रात भर ...
 

 

 

 

 

   12. आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर ज़बान पर

 

 

 

आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर ज़बान पर

सब को मालूम है और सब को ख़बर हो गयी

 

आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर ज़बान पर              פזמון

अच्छा ?

सब को मालूम है और सब को ख़बर हो गयी

तो क्या ?

 

आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर ज़बान पर

सब को मालूम है और सब को ख़बर हो गयी

 

हमने तो प्यार में ऐसा काम कर लिया

प्यार की राह में अपना नाम कर लिया                2

प्यार की राह में अपना नाम कर लिया

 

आजकल ....

 

दो बदन एक दिल, एक जान हो गये

मंज़िलें एक हुईं, हमसफ़र बन गये           2

मंज़िलें एक हुईं, हमसफ़र बन गये

 

आजकल ....

 

क्यों भला हम डरें, दिल के मालिक हैं हम

हर जनम मैं तुझे अपना माना सनम           2

हर जनम मैं तुझे अपना माना सनम

 

आजकल ....

 

प्यार हुआ इक़रार  हुआ है - 13

 

फ़िल्म आवारा

 

प्यार हुआ इक़रार हुआ है

प्यार से फिर क्यों डरता है दिल

कहता है दिल रास्ता मुश्किल

मालूम नहीं है कहां मंज़िल

             कहो कि अपनी प्रीत का गीत न बदलेगा कभी

             तुम भी कहो इस राह का मीत न बदलेगा कभी

             प्यार जो टूटा, साथ जो छूटा  चांद न चमकेगा कभी

प्यार हुआ…………..

 

             रातें दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियां

             गीत हमारे प्यार के दोहराएंगी जवानियां

             मैं न रहूंगी तुम न रहोगे, फिर भी रहेंगी निशानियां

प्यार हुआ…………..

 

 

 

दिल के बदले सनम -  14

फ़िल्म क्योंकि

 

 

दिल के बदले सनम दरद-ए-दिल ले चुके

दे चुके दे चुके तुझे दिल, यह दिल दे चुके

 

अब तुम को ही देख के सांसें चलती हैं, चलती हैं सनम

अब न तन्हा-तन्हा रातें ढलती हैं, ढलती हैं सनम

 

हम तो तेरे ही हो चुके, ख़्वाबों में तेरे खो चुके

दे चुके दे चुके तुझे दिल, यह दिल दे चुके

 

यह ज़िंदगानी तेरे हवाले कर दी है, कर दी है दिलबर

प्रेम कहानी तेरे हवाले कर दी है, कर दी है दिलबर

 

प्यार तो तुम से ही कर चुके हम, हम तो तुम पे मर चुके

दे चुके दे चुके तुझे दिल, यह दिल दे चुके

 

 

 

     यह लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा  - 15

 

फ़िल्मः प्रेम नगर,       आवाज़ः किशोर कुमार

 

यह लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा   -   3

मेरा ग़म कब तलक मेरा दिल तोड़ेगा

यह लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा

किसी का भी लिया है नाम तो

आयी याद तू ही तू

किसी का भी लिया है नाम तो

आयी याद तू ही तू

यह तो प्याला शराब का

बन गया यह लहू

यह लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा

पीने की क़सम टाल दी

पियूंगा किस तरह

पीने की क़सम टाल दी

पियूंगा किस तरह

यह न सोचा तू ने यार मैं

जियूगा किस तरह

यह लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा

चला जाऊं कहीं छोड़ के

मैं तेरा यह शहर

चला जाऊं कहीं छोड़ के

मैं तेरा यह शहर

न तो यहां अमृत मिले

पीने को न ज़हर

यह लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा 

मेरा ग़म कब तलक मेरा दिल तोड़ेगा

यह लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा

 

 

चलते चलते - 16

 

फ़िल्मः चलते चलते,      आवाज़ः किशोर कुमार

 

चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना

कभी अल्विदा न कहना, कभी अल्विदा न कहना

रोते हंसते बस यूं ही तू गुनगुनाते रहना

कभी अल्विदा न कहना, कभी अल्विदा न कहना

 

प्यार करते करते हम तुम कहीं खो जायेंगे

इन्हीं पहाड़ों के अंचल में थक के सो जायेंगे

प्यार करते करते हम तुम कहीं खो जायेंगे

इन्हीं पहाड़ों के अंचल में थक के सो जायेंगे

सपनों को फिर भी तुम यूं ही सजाते रहना

कभी अल्विदा न कहना, कभी अल्विदा न कहना

चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना

कभी अल्विदा न कहना, कभी अल्विदा न कहना

 

बीच राह में दिलबर बिछड़ जाएं कहीं हम अगर

और सूनी सी लगे तुम्हें जीवन की यह डगर

बीच राह में दिलबर बिछड़ जाएं कहीं हम अगर

और सूनी सी लगे तुम्हें जीवन की यह डगर

हम लौट आयेंगे , तुम यूं ही बुलाते रहना

कभी अल्विदा न कहना, कभी अल्विदा न कहना

चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना

कभी अल्विदा न कहना, कभी अल्विदा न कहना

रोते हंसते बस यूं ही तू गुनगुनाते रहना

कभी अल्विदा न कहना, कभी अल्विदा न कहना

 

 

 

   जिस देश में गंगा बहती है - 17

 

होंठों पे सचाई रहती है

जहां दिल में सफ़ाई रहती है

हम उस देश के वासी हैं 2

जिस देश में गंगा बहती है

   मेहमान जो हमारा होता है

   वह जान से प्यारा होता है

   मेहमान जो हमारा होता है

   वह जान से प्यारा होता है

   ज़्यादा की नहीं लालच हम को

   थोड़े में गुज़ारा होता है 2

बच्चों के लिये जो धरती मां

सदियों से सभी कुछ सहती है

हम उस देश के वासी हैं 2

जिस देश में गंगा बहती है

   कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं

   इंसान को कम पहचानते हैं

   कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं

   इंसान को कम पहचानते हैं

   यह पूरब है, पूरबवाले

   हर जान की कीमत जानते हैं

मिल-जुल के रहो और प्यार करो

एक चीज़ यही जो रहती है

हम उस देश के वासी हैं 2

जिस देश में गंगा बहती है

होंठों पे सचाई रहती है

जहां दिल में सफ़ाई रहती है

हम उस देश के वासी हैं 2

जिस देश में गंगा बहती है

 

मेरे मन की गंगा - 18

 

फ़िल्मः संगम

 

मेरे मन की गंगा और तेरे मन की जमना का

बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं

मेरे मन की गंगा और तेरे मन की जमना का

बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं

बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं

 

-         नहीं, कभी नहीं

 

कितनी सदियां बीत गयी हैं, हाय, तुझे समझाने में

मेरे जैसा धीरतवाला है कोई और ज़माने में ?

दिल का बढ़ता बोझ कभी कम होगा कि नहीं ?

बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं

बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं

 

-         जा, जा

 

तेरी ख़ातिर मैं तड़पा ज्यूं, तरसे धरती सावन का

राधा राधा एक रतन है सांस के आवन-जावन का

पत्थर पिघले, दिल कभी नर्म होगा कि नहीं

बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं

मेरे मन की गंगा और तेरे मन की जमना का

बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं

मेरे मन की गंगा और तेरे मन की जमना का

बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं

बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं

 

-         जाओ न, क्यों सताते हो? होगा, होगा, होगा

 

 

 

ज़िंदगी की पहली ज़रूरत  -  19

 

फ़िल्मः जस्टिस चौधरी

 

ज़िंदगी अनमोल

ज़िंदगी की पहली ज़रूरत है क्या एक प्यार तेरा

प्यार से भी तुम को प्यारा है क्या इंतज़ार तेरा

दुनिया के ग़मों का इलाज है क्या दीदार तेरा

   ज़िंदगी अनमोल

   ज़िंदगी की पहली ज़रूरत है क्या एक प्यार तेरा

मुझ गरीब को कमनसीब को तुम ने इतना प्यार दिया

कैसे क़र्ज़ उतारूं उस का तुम ने जो उपकार किया

तुम ने लबों की लाली भर के रंग निखर दिया है

प्यार का बदला दे के प्यार संसार संवार दिया है

प्राण दो एक हुए, क़र्ज़ का क्या सवाल

ज़िंदगी अनमोल

ज़िंदगी के सपनों की मंज़िल है क्या एक द्वार तेरा

ईमान की किताबों से बढ़ कर है क्या इक़रार तेरा

मसीहा से भी अच्छा होगा न कौन बीमार तेरा

   ज़िंदगी अनमोल

   ज़िंदगी की पहली ज़रूरत है क्या एक प्यार तेरा

तुम मुझ को देवों से बढ़ कर बिन मांगे वरदान दिये

क़र्ज़ न जिन का चुका सकूं मैं तू ने वह एहसान किये

मैं तो फ़ारिश्ता नहीं, कोई इंसान तुम्हारे जैसा

सूख-दुःख के दोनों साथी, एहसान किसी पर कैसा

जो मेरा वह तेरा, क़र्ज़ की बात क्या,  

ज़िंदगी अनमोल

ज़िंदगी की सब से बड़ी दौलत है क्या उपहार तेरा

सारे ही नज़ारों से प्यारा है क्या सिंधार तेरा

दुनिया में जीने की सूरत है क्या ऐतिबार तेरा ,  ज़िंदगी अनमोल

 

 

 

यह मेरा प्रेम-पत्र पढ़ कर - 20 

 

मेहरबां लिखूं, हसीना लिखूं, या दिलरुबा लिखूं

हैरान हूं कि आप को इस ख़त में क्या लिखूं ।

यह मेरा प्रेम-पत्र पढ़ कर

कि तुम नाराज़ न होना          2

कि तुम मेरी ज़िंदगी हो 

कि तुम मेरी बंदगी हो

      तुझे मैं चांद कहता था        2

      मगर उस में भी दाग़ हैं

      तुझे सूरज मैं कहता था

      मगर उस में भी आग हैं

      तुझे इतना ही कहता हूं

      कि मुझ को तुम से प्यार है, तुम से प्यार है

यह मेरा प्रेम-पत्र पढ़ कर

कि तुम नाराज़ न होना          2

कि तुम मेरी ज़िंदगी हो 

कि तुम मेरी बंदगी हो

      तुझे गंगा मैं समझूंगा        2

      तुझे जमना मैं समझूंगा

      तू दिल के पास है इतनी

      तुझे अपना मैं समझूंगा

      अगर मर जाऊं, मेरी रूह भटकेगी तेरे

      इंतिज़ार में 3

यह मेरा प्रेम-पत्र पढ़ कर

कि तुम नाराज़ न होना          2

कि तुम मेरी ज़िंदगी हो 

कि तुम मेरी बंदगी हो

 

 

दोस्त दोस्त न रहा - 21

फ़िल्मः  संगम

 

दोस्त दोस्त न रहा, प्यार प्यार न रहा

ज़िंदगी, हमें तेरा एतिबार न रहा, एतिबार न रहा

      अमानतें मैं प्यार की 

      गया था जिस को सौंप कर

      वह मेरे दोस्त तुम ही थे

      तुम्ही तो थे 

सारे भेद फिर गये, राज़दार न रहा

ज़िंदगी, हमें तेरा एतिबार न रहा, एतिबार न रहा

      गले लगी सहम सहम

      भरे गले से बोलती  

      वह तुम न थी तो कौन था

      तुम्ही तो थीं

सफ़र के वक़्त में पलक पे

मोतियों को तौलती

वह तुम न थी तो कौन था

तुम्ही तो थीं

      नशे की रात ढल गयी

      अब ख़ुमार न रहा

      वह तुम न थी तो कौन था

      तुम्ही तो थीं

दोस्त दोस्त न रहा, प्यार प्यार न रहा

ज़िंदगी, हमें तेरा एतिबार न रहा, एतिबार न रहा

 

 

तू ही रे - 22

फ़िल्मः बोम्बे

 

तू ही रे, तू ही रे, तेरे बिना मैं कैसे जियूं

आ जा रे, आ जा रे, यूं ही तड़पा न तू मुझ को

जान रे, जान रे, इन सांसों में बस जा तू

चांद रे, चांद रे, आ जा दिल की ज़मीन पे तू

 

चाहत है अगर आ के मुझ से मिल जा तू

या फिर ऐसा कर धरती से मिला दे मुझ को

तू ही रे, तू ही रे, तेरे बिना मैं कैसे जियूं

आ जा रे, आ जा रे, यूं ही तड़पा न तू मुझ को

 

इन सांसों का देखो तुम पागलपन कि

आये नहीं इन्हें चैन

मुझ से ये बोलीं मैं राहों पे तेरी

अपने बिछा दूं ये नैन

इन ऊंचे पहाड़ों से जान दे दूंगा मैं

अगर तुम न आयीं कहीं

तुम उधर जाने उम्मीद मेरी जो तोड़ो

इधर यह जहां छोड़ूं मैं

मौत और ज़िंदगी तेरे हाथों में रे दिया रे

 

आयी रे, आयी रे, ले मैं आयी हूं तेरे लिये

तोड़ा रे, तोड़ा रे, हर बंधन को प्यार के लिये

जान रे, जान रे, आ जा तुझ में समा जाऊं में

दिल रे, दिल रे, तेरी सांसों में बस जाऊं मैं 

 

चाहत है अगर आ के मुझ से मिल जा तू

या फिर ऐसा कर धरती से मिला दे मुझ को

तू ही रे, तू ही रे, तेरे बिना मैं कैसे जियूं

आ जा रे, आ जा रे, यूं ही तड़पा न तू मुझ को

 

सौ बार बुलाए, मैं सौ बार आऊं

एक बार जो दिल दिया

एक आंख रोए तो दूजी, बोलो, सोएगी कैसे भला

इन प्यार की राहों में पत्थर हैं कितने

उन सब को ही पार किया

इक नदी हूं मैं चाहत भरी

आज मिलने सागर को आयी यहां

सजना, सजना, आज आंसू भी मीठे लगे

 

तू ही रे, तू ही रे, तेरे बिना मैं कैसे जियूं

आ जा रे, आ जा रे, यूं ही तड़पा न तू मुझ को

जान रे, जान रे, इन सांसों में बस जा तू

चांद रे, चांद रे, आ जा दिल की ज़मीन पे तू

 

पल पल पल पल वक़्त तो बीता जाए रे

ज़रा बोल, ज़रा बोल वक़्त से कि वह थम जाए रे

आयी रे, आयी रे, ले मैं आयी हूं तेरे लिये

जान रे, जान रे, आ जा तुझ में समा जाऊं में

 

 

 

 

मैं शायर तो नहीं  - 23

फ़िल्मः  बॉबी

 

      मैं शायर तो नहीं, मैं शायर तो नहीं

      मगर ए हसीन, जब से देखा मैं ने तुझ को        2

      मुझ को शायरी आ गयी

मैं आशिक़ तो नहीं

मगर ए हसीन, जब से देखा मैं ने तुझ को

मुझ को आशिक़ी आ गयी

मैं शायर तो नहीं

      प्यार का नाम मैं ने सुना था मगर           2

      प्यार क्या है यह मुझ को नहीं थी ख़बर

      मैं तो उलझा रहा उलझनों की तरह

      दोस्तों में रहा दुश्मनों की तरह

मैं दुश्मन तो नहीं, मैं दुश्मन तो नहीं

मगर ए हसीन, जब से देखा मैं ने तुझ को

मुझ को दोस्ती आ गयी

मैं शायर तो नहीं

      सोचता हूं अगर मैं दुआ मांगता

      हाथ अपने उठा कर मैं क्या मांगता

      जब से तुझ से मुहब्बत न करने लगा

      तब से ऐसी इबादत न करने लगा

मैं काफ़िर तो नहीं, मैं काफ़िर तो नहीं

मगर ए हसीन, जब से देखा मैं ने तुझ को

मुझ को बंदगी आ गयी

      मैं शायर तो नहीं

      मगर ए हसीन, जब से देखा मैं ने तुझ को

      मुझ को शायरी आ गयी

      मैं शायर तो नहीं

 

 

मेरी क़िस्मत में तू नहीं शायद  - 24

फ़िल्मः प्यार-रोग

 

मेरी क़िस्मत में तू नहीं शायद

क्यों तेरा इंतिज़ार करता हूं

मैं तुझे कल भी प्यार करता था

मैं तुझे अब भी प्यार करता हूं

 

आज समझी हूं प्यार को शायद

आज मैं तुझ को प्यार करती हूं

कल मेरा इंतज़ार था तुझ को

आज मैं इंतज़ार करती हूं

मेरी क़िस्मत में तू नहीं शायद

 

सोचता हूं कि मेरी आंखों ने

क्यों सजाए थे प्यार के सपने

तुझ से मांगी थी एक ख़ुशी मैं ने

तू ने ग़म भी नहीं दिये अपने  -  2

 

ज़िंदगी बोझ बन गयी अब तो

अब तो जीता हूं और न मरता हूं

मैं तुझे कल भी प्यार करता था

मैं तुझे अब भी प्यार करता हूं

मेरी क़िस्मत में तू नहीं शायद

 

अब न टूटें ये प्यार के रिश्ते  -  2

अब ये रिश्ते संभल नहीं होंगे

मेरी राहों से तुझ को कल की तरह

दुःख के कांटे निकालने होंगे  -  2

मिल न जाएं ख़ुशी के रास्ते में

ग़म की पर्छाइयों से डरती हूं

कल मेरा इंतज़ार था तुझ को

आज मैं इंतज़ार करती हूं

आज समझी हूं प्यार को शायद

 

दिल नहीं इख़्तियार में मेरे

जान जाएगी प्यार में तेरे

जिस से मिलने की आस है आ जा

मेरी दुनिया उदास है आ जा  -  2

 

प्यार शायद इसी को कहते हैं

हर घड़ी बेक़रार रहता हूं

रात-दिन तेरी याद आती है

रात-दिन इंतज़ार करती हूं

 

मेरी क़िस्मत में तू नहीं शायद

क्यों तेरा इंतिज़ार करता हूं

मैं तुझे प्यार प्यार करता था

मैं तुझे प्यार प्यार करता हूं

मैं तुझे प्यार प्यार करती हूं

 

 

 

मेरा जूता है जापानी - 25

फ़िल्म श्री 420

 

मेरा जूता है जापानी

यह पतलून इंग्लिस्तानी             2)  ( פזמון

सर पे लाल टोपी रूसी

फिर भी दिल है हिंदुस्तानी

मेरा जूता है जापानी

      निकल पड़े हैं खुली सड़क पर

      अपना सीना ताने, अपना सीना ताने

      मंज़िल कहां, कहां रुकना है

      ऊपरवाला जाने, ऊपरवाला जाने

बढ़ते जाएं हम सैलानी जैसे एक दरिया तूफ़ानी

सर पे लाल टोपी रूसी फिर भी दिल है हिंदुस्तानी

)  ( פזמון

ऊपर नीचे, नीचे ऊपर

लहर चले जीवन की -  2

नादां है जो बैठ किनारे

पूछे राह वतन की  -  2

चलना जीवन की कहानी

रुकना मौत की निशानी

सर पे लाल टोपी रूसी फिर भी दिल है हिंदुस्तानी

)  ( פזמון

होंगे राजा राजकुमार

हम बीगड़े दिल शहज़ादे  -  2

हम सिंह आसन पर जा बैठें

जब जब करें इरादे  -  2

      सूरत है जानी पहचानी

      दुनियावालों को हैरानी

      सर पे लाल टोपी रूसी फिर भी दिल है हिंदुस्तानी

)  ( פזמון

 

 

आ जा रे  -  26

फ़िल्मः आह     आवाज़ें -  लता मंगेशकर,  मुकेश

 

आ जा रे, आ जा रे

अब मेरा दिल पुकारा          2   )  ( פזמון

रो रो के ग़म बिहारा

बदनाम न हो प्यार मेरा

आ जा रे

 

मौत मेरी तरफ़ आने लगी

जान तेरी तरफ़ जाने लगी

बोल, शाम-ए-जुदाई क्या करे  -  2

आस मिलने की तड़पाने लगी

)  ( פזמון

आ आ घबराए हाय रे दिल  -  2

सपनों में आ के कभी मिल  -  2

)  ( פזמון

अपने बीमार-ए-ग़म को देख ले

हो सके तो तू ग़म को देख ले

तूने देखा न होगा यह समां  -  2

कैसे जाता है दम को देख ले

)  ( פזמון

 

 

 

मुड़ मुड़ के न देख - 27

फ़िल्मः  श्री 420

 

मुड़ मुड़ के न देख, मुड़ मुड़ के

ज़िंदगानी के सफ़र में तू अकेला ही नहीं है

हम भी तेरे हमसफ़र हैं

      आये गये मंज़िलों के निशान

      लहरा के झूमा झुका आसमान

      लेकिन रुकेगा न यह कारवां

मुड़ मुड़ के न देख, मुड़ मुड़ के

ज़िंदगानी के सफ़र में तू अकेला ही नहीं है

हम भी तेरे हमसफ़र हैं

      नैनों से नैन जो मिला के देखे

      मौसम के साथ मुस्करा के देखे

      दुनिया उसी की है जो आगे देखे

मुड़ मुड़ के न देख, मुड़ मुड़ के

ज़िंदगानी के सफ़र में तू अकेला ही नहीं है

हम भी तेरे हमसफ़र हैं

      दुनिया के साथ जो बदलता जाए

      जो उस के सांचे में ही ढलता जाए

      दुनिया उसी की है जो चलता जाए

मुड़ मुड़ के न देख, मुड़ मुड़ के

ज़िंदगानी के सफ़र में तू अकेला ही नहीं है

हम भी तेरे हमसफ़र हैं

 

 

हमें तुम से प्यार कितना - 28

फ़िल्मः  क़ुदरत

 

हमें तुम से प्यार कितना

यह हम नहीं जानते

मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना

हमें तुम से प्यार

सुना ग़म जुदाई का

उठाते हैं लोग

जाने ज़िंदगी कैसै

बिताते हैं लोग

दिन भी यहां तो लगे

बरस के समान

हमें इंतज़ार कितना

यह हम नहीं जानते

मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना

हमें तुम से प्यार

तुम्हें कोई और देखे

तो जलता है दिल

बड़ी मुश्किलों से

संभलता है दिल

क्या क्या जतन करते हैं

तुम्हें क्या पता

यह दिल बेक़रार कितना

यह हम नहीं जानते

मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना

हमें तुम से प्यार

 

 

 

जिया जले - 29

फ़िल्मः  दिल से

 

जिया जले जान जले - 2

नैनों तले धुआं चले, धुआं चले

रात भर धुआं चले

जानूं न, जानूं न, जानूं न, साखी रे

जिया जले जान जले

 

देखते हैं तन मेरा मन में चुभती है नज़र - 2

होंठ सिल जाते उनके नर्म होंठों से मगर

गिनती रहती हूं मैं अपनी करवटों के सिलसिले

क्या करूं, कैसे कहूं रात कब, कैसे ढले

जिया जले जान जले

नैनों तले धुआं चले, धुआं चले

रात भर धुआं चले

जानूं न, जानूं न, जानूं न, साखी रे

जिया जले जान जले

 

अंग अंग में जलती हैं दर्द की छिंगारियां

मसल फूलों की महक में तितलियों की क्यारियां

रात भर बेचारी महंदी पिसती है पैरों तले

क्या करूं, कैसे कहूं रात कब, कैसे ढले

 

जिया जले जान जले

नैनों तले धुआं चले, धुआं चले

रात भर धुआं चले

जानूं न, जानूं न, जानूं न, साखी रे

जिया जले जान जले

 

 

   इछक दाना बिछक दाना - 30

फ़िल्मः श्री 420

 

इछक दाना बिछक दाना, दाने ऊपर दाना, इछक दाना 2

छत के ऊपर लड़की नाचे, लड़का है दीवाना, इछक दाना - 2

बोलो क्या ?   -   अनार

इछक दाना बिछक दाना, दाने ऊपर दाना, इछक दाना

 

छोटी सी छोकरी, लालबाई नाम है  -  2

पहने वह घाघरा, एक पैसा दाम है  -  2

मुंह में टपके, आग लगाए, आता है रुलाना, इछक दाना

बोलो क्या ?  -  मिर्ची

इछक दाना बिछक दाना, दाने ऊपर दाना, इछक दाना

 

खड़ी थी मन भरी थी, लाख मोती जड़ी थी 2

राजा जी के बाग़ में दुशाला ओढ़े खड़ी थी 2

कच्चे पक्के बाल हैं उसके, मुखड़ा है सुहाना, इछक दाना  -  2

बोलो क्या ?  -  बुढी !   -  भुट्टा !

इछक दाना बिछक दाना, दाने ऊपर दाना, इछक दाना

 

एक जानवर ऐसा जिस की दुम पर पैसा  -  2

सर पे है ताज भी, बादशाह के जैसा  -  2

बादल देखे, छम छम नाचे, अलबेला मस्ताना, इचिक दाना - 2

बोलो क्या ? बोलो न !  -  मोर !

इछक दाना बिछक दाना, दाने ऊपर दाना, इछक दाना

छत के ऊपर लड़की नाचे, लड़का है दीवाना, इछक दाना - 2

 

इछक दाना बिछक दाना, दाने ऊपर दाना, इछक दाना 2

चालें वह चल कर दिल में समाया

खा पी गया वह किया है सफ़ाया

तुम भी देखो, बच कर रहना, चक्कर में न आना, इचिक दाना  -  2

बोलो क्या ?  -  हम ?  -  हां, हम

 

 

आवारा - 31

फ़िल्मः आवारा

 

आवारा हूं, आवारा हूं                     2

या गरदिश में हूं आसमान का तारा हूं

आवारा हूं

 

घर-बार नहीं, संसार नहीं

मुझ से किसी को प्यार नहीं  -  2

उस पार किसी से मिलने का इक़रार नहीं

मुझ से किसी को प्यार नहीं  -  2

सुनसान नगर, अनजान डगर का प्यारा हूं

 

आवारा हूं, आवारा हूं                     2

या गरदिश में हूं आसमान का तारा हूं

आवारा हूं

 

आबाद नहीं, बरबाद सही

गाता हूं ख़ुशी के गीत मगर  -  2

ज़ख़्मों से भरा सीना है मेरा

हंसती है मगर यह मस्त नज़र

दुनिया,

दुनिया, मैं तेरे तीर का या तक़दीर का मारा हूं

 

आवारा हूं, आवारा हूं                     2

या गरदिश में हूं आसमान का तारा हूं

आवारा हूं

 

 

 

 

चोरी चोरी हम गोरी से प्यार करेंगे - 32

 

चोरी चोरी हम गोरी से प्यार करेंगे

चुप के, चुप के दिल की बातें यार करेंगे

आनेवाली कब आएगी कोई दे बता

ढूंढ रहे हैं जाने कब से हम उस का पता

 

आ जा

 

एक न एक दिन मिल जाएगी हम को भी सपनों की रानी

ऐसे शुरू फिर हो जाएगी प्यासे दिलों की प्रेम कहानी

अपनी भी शामें रंगी होंगी, अपनी भी सुबहें होंगी सुहानी

प्यारे प्यारे देख  , प्यारे दिन में तारे

दिल की बाज़ी कोई न जीता सारे हारे

      मर जाएगा, मिट जाएगा कर न ऐसी ख़ता

             नहीं मिली है, नहीं मिलेगी, अरे तेरी वह दिलरुबा

 

कितने हसीं हैं सारे नज़ारे, कितने हसीं हैं जग के इशारे

जिस की तमन्ना है इस दिल को आएंगी जाने कब वह बहारें

कोई तो हो जो राह में रोके कोई तो हो जो नाम पुकारे

 

प्यारे प्यारे ओ मेरे प्यारे तू रुक जा रे

तेरे जैसे आशिक़ फिरते मारे मारे

लुट जाएगा, बिक जाएगा दे न ऐसी सदा

इस धर्ती पे कहीं नहीं है तेरी वह दिलरुबा

 

 

 

चुनरी चुनरी - 33

फ़िल्मः बीवी नंबर 1

 

चुनरी चुनरी

लालगांज के लाल बाग़ से लाल चुनरिया लाई

लाल रंग में डाल डाल के लाल लाल रंगवायी

चुनरी चुनरी

आ जा न, छू ले मेरी चुनरी सनम

कुछ न मैं बोलूं तुझे मेरी क़सम               2

आयी जवानी सर पे मेरे

तेरे बिन क्या करूं, जवानी बेरहम

   आ जा न, छू ले मेरी चुनरी सनम

   कुछ न मैं बोलूं तुझे मेरी क़सम

चुनरी चुनरी

मेरी चुनरी लाल रंग की शरमाए घबराए

तू जो डाले इस पे नज़र यह और लाल हो जाए

चुनरी चुनरी

तेरी चुनरी लिपट लिपट के पागल मुझे बनाए

पहले से ही तड़प रहा था, और मुझे तड़पाए

जान-ए-तमन्ना कर न ऐसे सितम

   कुछ न मैं बोलूं तुझे मेरी क़सम

   आयी जवानी सर पे मेरे

   तेरे बिन क्या करूं, जवानी बेरहम

आ जा न, छू ले मेरी चुनरी सनम

कुछ न मैं बोलूं तुझे मेरी क़सम

चुनरी चुनरी

जी करता है यह बिजली मैं तुझ पे आज गिराऊं

तुझ को भर लूं बांहों में यह चुनरी तुझे उड़ाऊं

   बढ़ता ही जाए दर्द, हो न ख़त्म

   कुछ न मैं बोलूं तुझे मेरी क़सम

   आयी जवानी सर पे मेरे

   तेरे बिन क्या करूं, जवानी बेरहम

आ जा न, छू ले मेरी चुनरी सनम

कुछ न मैं बोलूं तुझे मेरी क़सम               2

आयी जवानी सर पे मेरे

तेरे बिन क्या करूं, जवानी बेरहम

चुनरी चुनरी

 

 

 

कभी ख़ुशी कभी ग़म - 34

फ़िल्मः कभी ख़ुशी कभी ग़म           आवाज़ः   लता मंगेश्कर

 

कभी ख़ुशी कभी ग़म

न उदास होंगे हम

कभी ख़ुशी कभी ग़म

मेरी सांसों में तू है समाया      2

मेरा जीवन तो है तेरा साया

तेरी पूजा करूं मैं तो हर दम

ये हैं तेरे करम

कभी ख़ुशी कभी ग़म                  פזמון

न जुदा होंगे हम

कभी ख़ुशी कभी ग़म

मेरी सांसों में तू है समाया      

मेरा जीवन तो है तेरा साया

तेरी पूजा करूं मैं तो हर दम

          פזמון

सुबह-ओ-शाम चरणों में दीये हम जलाएं         2

देखें, जहां भी देखें तुझ को ही पाएं

इन लबों पे तेरा, बस तेरा नाम हो  -  2

प्यार दिल से कभी ही न हो कम

           פזמון

यह घर नहीं है, मंदिर है तेरा         2

इस में सदा रहे तेरा बसेरा

ख़ुश्बुओं से तेरी यह महकता रहे   -   2

आए जाए भले कोई मौसम

          פזמון

मेरी सांसों में तू है समाया      2

मेरा जीवन तो है तेरा साया

तेरी पूजा करूं मैं तो हर दम

         פזמון

 

 

एक लड़की को देखा - 35

फ़िल्मः  लव स्टोरी 1942  1995             

गीतकार

:जावेद अख्तर

गायक

:कुमार सानू

संगीतकार

:राहुलदेव बर्मन

एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा

जैसे खिलता गुलाब

जैसे शायर का ख़्वाब

जैसे उजली किरण

जैसे वन में हिरण

जैसे चांदनी रात

जैसे नर्मी की बात

जैसे मंदिर में हो एक जलता दीया

एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा

     जैसे सुबहों का रूप

     जैसे सरदी की धूप

     जैसे वीणा की तान

     जैसे रंगों की जान

     जैसे बल खाए बेल

     जैसे लहरों का खेल

     जैसे ख़ुशबू लिये आए ठंडी हवा

     एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा

जैसे नाचता मोर

जैसे रेशम की डोर

जैसे परियों का राग

जैसे संदल की आग

जैसे सोलह शृंगार

जैसे रस की फुहार

जैसे आहिस्ता आहिस्ता बढ़ता नशा

एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा

 

 

कुछ न कहो - 36

फ़िल्मः  लव स्टोरी 1942  1995             

 

कुछ न कहो, कुछ भी न कहो

क्या कहना है, क्या सुनना है

मुझ को पता है, तुम को पता है

समय का यह पल थम सा गया है

और इस पल में कोई नहीं है

बस एक मैं हूं, बस एक तुम हो

कुछ न कहो, कुछ भी न कहो

     कितने गहरे हलके

     शाम के रंग हैं छलके

     पर्वत से यों उतरे बादल

     जैसे आंचल ढल के

     और इस पल में कोई नहीं है

     बस एक मैं हूं, बस एक तुम हो

     कुछ न कहो, कुछ भी न कहो

सुलगी सुलगी सांसें

बहकी बहकी धड़कन

महके महके शाम के साये

पिघले पिघले तन मन

और इस पल में कोई नहीं है

बस एक मैं हूं, बस एक तुम हो

कुछ न कहो, कुछ भी न कहो

     क्या कहना है, क्या सुनना है

     मुझ को पता है, तुम को पता है

     समय का यह पल थम सा गया है

     और इस पल में कोई नहीं है

     बस एक मैं हूं, बस एक तुम हो

     कुछ न कहो, कुछ भी न कहो

 

 

न उदास हो, मेरे हमसफ़र - 37

फ़िल्मः  -लव स्टोरी 1942-      1995             

 

दिल नाउमीद तो नहीं

नाकाम ही तो है

लंबी है ग़म की शाम

मगर शाम ही तो है

यह सफ़र बहुत है कठिन मगर

न उदास हो मेरे हमसफ़र

     यह सितम की रात है ढलने को

     है अंधेरा ग़म का पिघलने को

     ज़रा देर इस में लगे अगर 2

     न उदास हो मेरे हमसफ़र

     यह सफ़र बहुत है कठिन मगर

     न उदास हो मेरे हमसफ़र

नहीं रहनेवाली ये मुश्किलें

कि हैं अगले मोड़ पे मंज़िलें

मेरी बात का तू यक़ीन कर 2

न उदास हो मेरे हमसफ़र

यह सफ़र बहुत है कठिन मगर

न उदास हो मेरे हमसफ़र

     कभी ढूंढ लेगा यह कारवां

     वह नयी ज़मीन, नया आसमान

     जिसे ढूंढती है तेरी नज़र

     न उदास हो मेरे हमसफ़र

     यह सफ़र बहुत है कठिन मगर

     न उदास हो मेरे हमसफ़र

 

 

 

धूप में निकला न करो - 38

फ़िल्मः गिरफ़्तार         आवाज़ः  अशोक कुमार और आशा भोंसले

 

धूप में निकला न करो रूप की रानी

गोरा रंग काला न पड़ जाए

धूप में निकला न करो रूप की रानी

गोरा रंग काला न पड़ जाए

मस्त मस्त आंखों से छलकाओ न मदिरा

मधुशाला में ताला न पड़ जाए

धूप में निकला न करो रूप की रानी

गोरा रंग काला न पड़ जाए

      तुम जो थक गयी हो तो बांहों में उठा लें  -  2

      हुक्म दो हमें तो अभी पालकी ला दें

      पंथ है पथरीला पैदल न चलो तुम  -  2

      कहीं पांवों में छाला न पड़ जाए

      धूप में निकला न करो रूप की रानी

      गोरा रंग काला न पड़ जाए

धूप तो हो या छांव साजन, मैं तो आऊंगी  -  2

तुम से मिलने हाथ पे भी जल के जाऊंगी

एक पल भी तन्हा तुझे छोड़ूं तो कैसे ?  -  2

किसी साथिन से पाला न पड़ जाए

धूप में निकला न करो रूप की रानी

गोरा रंग काला न पड़ जाए

मस्त मस्त आंखों से छलकाओ न मदिरा

मधुशाला में ताला न पड़ जाए

 

 

 

 

नहीं नहीं, अभी नहीं - 39

फ़िल्मः जवानी दीवानी       आवाज़ः  अशोक कुमार और आशा भोंसले

 

ए, आओ न, दिल है बेक़रार

ना, ना

नहीं नहीं, अभी नहीं, अभी करो इंतिज़ार, छोड़ो न

नहीं नहीं, अभी नहीं, अभी करो इंतिज़ार

नहीं नहीं, कभी नहीं, मैं हूं बेक़रार

ना, ना, ना, बाबा

 

मैं भी जवान, तुम भी जवान

कमी है किस बात की

यहां आओ, न घबराओ, रुत है मुलाक़ात की

नहीं नहीं, अभी नहीं, तेरी कभी दिलदार

नहीं नहीं, कभी नहीं, मैं हूं बेक़रार

 

पड़े वहां तुम पिया, ज़िद क्यों नहीं छोड़ते हो

कलियों को खिलने से पहले नहीं तोड़ते

नहीं नहीं, कभी नहीं, चली जाएगी बहार

नहीं नहीं, अभी नहीं, थोड़ा इंतिज़ार

 

नहीं नहीं, अभी नहीं, अभी करो इंतिज़ार

नहीं नहीं, कभी नहीं, मैं हूं बेक़रार

जाने जहां, तेरी कहां ऐसी तन्हाइयां

जाने भी दो छोड़ो मुझे, होंगी रुसवाइयां

नहीं नहीं, कभी नहीं, मत करो इंकार

नहीं नहीं, अभी नहीं, थोड़ा इंतिज़ार

 

 

 

दिल हाय मेरा दिल - 40

फ़िल्मः पराया धन         आवाज़ः  किशोर कुमार

 

दिल हाय मेरा दिल, तेरा दिल, दिल से दिल मिल गया

दिल हाय मेरा दिल, तेरा दिल, दिल से दिल मिल गया

 

ज़ुल्फ़ तेरी यूं उड़ी, यूं उड़ी कि घटा छा गयी

होंठ तेरे यूं हिले, गुल खिले, कि बहार आ गयी

ज़ुल्फ़ तेरी यूं उड़ी, यूं उड़ी कि घटा छा गयी

होंठ तेरे यूं हिले, गुल खिले, कि बहार आ गयी

 

प्यार, हाय मेरा प्यार, मेरे यार, बन के फूल खिल गया

दिल हाय मेरा दिल, तेरा दिल, दिल से दिल मिल गया

 

आंख तेरी जो उठी, बादशाहों के सर झुक गये

चाल ऐसी तू चली, लोग राहों में ही रुक गये

जान, हाय मेरी जान, यह जहान, आसमान हिल गया

दिल हाय मेरा दिल, तेरा दिल, दिल से दिल मिल गया

 

रूप तेरे पे नज़र जब पड़ी तो नज़र मिल गयी

रंग तेरा उड़ गया, तू कली की तरह खिल गयी

नैन, हाय मेरे नैन, तेरे नैन मिल गये, दिल गया

दिल हाय मेरा दिल, तेरा दिल, दिल से दिल मिल गया

 

 

 

 

          दिल में आग लगाए सावन का महीना - 41

फ़िल्मः  अलग अलग   आवाज़ः   लता मंगेश्कर  और  किशोर कुमार

 

ओ मुझे तेरी चाहत के ग़म की क़सम

ज़माने की हर एक पसंद की क़सम

मैं तेरे लिये हूं, तू मेरे लिये

सितमगर, तेरे हर सितम की क़सम

दिल में आग लगाए सावन का महीना               2

नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिना नहीं जीना

 

तू ने मुझे जो ज़ख़्म दिये, उन ज़ख़्मों को नहीं सीना

नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिना नहीं जीना

दिल में आग लगाए सावन का महीना              

नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिना नहीं जीना

 

ओ इस दिल से आरमान यह निकले        2

एक ही घूंट में जान यह निकले

ज़हर जुदाईवाला घूंट घूंट नहीं पीना

नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिना नहीं जीना

तू ने मुझे जो ज़ख़्म दिये, उन ज़ख़्मों को नहीं सीना

नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिना नहीं जीना

 

यह तेरी यादों का मौसम, प्यार भरे वायदों का मौसम  -  2

इस मौसम के बिछड़े शायद मिलें कभी न

नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिना नहीं जीना

तू ने मुझे जो ज़ख़्म दिये, उन ज़ख़्मों को नहीं सीना

नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिना नहीं जीना

 

ओ इश्क़ इबादत, इश्क़ है पूजा, इश्क़ ख़ुदा का नाम है दूजा  -  2

यह दिल मथुरा, काशी, काबा और मदीना

नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिना नहीं जीना

 

 

ज़िंदगी ख़्वाब है - 42

फ़िल्मः जागते रहो                            आवाज़ः  मुकेश

 

रंगी को नारंगी कहें

बने दूध को खोया

चलती को गाड़ी कहें

देख कबीरा रोया

 

ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या               2

और भला सच है क्या

 

सब सच है

ज़िंदगी ख़्वाब है

 

दिल ने हम से जो कहा, हम ने वैसा ही किया  -  2

फिर कभी फ़ुरसत से सोचेंगे, बुरा था या भला

ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या              

और भला सच है क्या

ज़िंदगी ख़्वाब है

 

एक क़तरा मय का जब पत्थर के होंठों पर पड़ा  -  2

उस के सीने में भी दिल धड़का, यह उसने भी कहा

क्या ?

ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या              

और भला सच है क्या

ज़िंदगी ख़्वाब है

 

एक प्याली भर के मैं ने ग़म के मारे दिल को दी  -  2

ज़हर ने मारा ज़हर को, मुरदे में फिर जान आ गयी

ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या              

और भला सच है क्या

ज़िंदगी ख़्वाब है

 

 

मुझे कुछ कहना है - 43

फिल्मः  बॉबी               आवाज़ः   लता मंगेश्कर और शैलेंद्र सिंघ

 

मुझे कुछ कहना है

मुझे भी कुछ कहना है

मुझे कुछ कहना है

मुझे भी कुछ कहना है

पहले तुम पहले तुम - पहले तुम पहले तुम

तुम तुम - तुम तुम

देखो, जिस तरह लखनऊ के दो नवाबों की गाड़ी

पहले आप, पहले आप, पहले आप, पहले आप

करते निकल गयी थी,

उस तरह हमारी पहले तुम, पहले तुम, पहले तुम,

पहले तुम में यह मसती भरी रुत न चली जाए

अच्छा मैं कहती हूं

अक्सर कोई लड़की इस हाल में

किसी लड़के से सोलहवें साल में

जो कहती है वह मुझे कहना है

     अक्सर कोई लड़का इस हाल में

     किसी लड़की से सोलहवें साल में

     जो कहता है वह मुझे कहना है

अक्सर कोई लड़की

हां, अक्सर कोई लड़का

हां हां, अक्सर कोई लड़की इस हाल में

न आंखों में नींद, न दिल में क़रार

यही इंतिज़ार, यही इंतिज़ार

तेरे बिना कुछ भी अच्छा नहीं लगता

सब झूठा लगता है, सच्चा नहीं लगता

न घर में लगे दिल, न बाहिर कहीं पर

बैठी हूं कहीं पर, खोयी हूं कहीं पर

अरे कुछ न कहूं, चुप रहूं

मैं नहीं, नहीं, नहीं, नहीं, नहीं, नहीं, नहीं, पर

अब मुश्किल चुप रहना है

मुझे कुछ कहना है

     मुझे भी कुछ कहना है

पहले तुम - पहले तुम - पहले तुम - पहले तुम - पहले तुम

मुझे रात दिन नहीं और काम

कभी तेरी याद, कभी तेरा नाम

सब रंग दुनिया के फीके लगते हैं

एक तेरे बोल बस मीठे लगते हैं

लिखे हैं बस तेरे सजदे इस ज़मीन पर

ज़िंदा हूं मैं तेरी बस हां पर, नहीं पर

अरे कुछ न कहूं, चुप रहूं

मैं नहीं, नहीं, नहीं, नहीं, नहीं, नहीं, पर

अब मुश्किल चुप रहना है

मुझे कुछ कहना है

 

मुझे भी कुछ कहना है

पहले तुम - पहले तुम - पहले तुम - पहले तुम

तुम, तुम, तुम, तुम

 

मिले हम को फूल के कांटे मिले

वहां जा बसे, वहां जा रहे

     तुझे मिलने में जहां डर न हो कोई

पिया के सिवाय दूजा घर न हो कोई

     क्या ऐसी जगह है कोई इस ज़मीन पर

रहने दे बात को यहां पर, यहीं पर

अरे कुछ न कहूं, चुप रहूं

मैं नहीं, नहीं, नहीं, नहीं, नहीं, नहीं, पर

अब मुश्किल चुप रहना है

     अक्सर कोई लड़की इस हाल में

     किसी लड़के से सोलहवें साल में

     जो कहती

जो कहता है वह मुझे कहना है

अक्सर कोई लड़की

अक्सर कोई लड़का

ओ अक्सर कोई लड़की

इस हाल में

 

 

 

जीना यहां, मरना यहां - 44

फ़िल्मः  मेरा नाम जोकर

 

जीना यहां, मरना यहां, इस के सिवा जाना कहां - 2

जी चाहे जब हम को आवाज़ दो

हम हैं वहीं हम थे जहां

अपने यही दोनों जहां, इस के सिवा जाना कहां

 

यह मेरा गीत, जीवन संगीत, कल भी कोई दोहराएगा  -  2

जग को हंसाने बहुरूपिया रूप बदल के आएगा

स्वर्ग है यही, नर्क है यहां, इस के सिवा जाना कहां

जी चाहे जब हम को आवाज़ दो

हम हैं वहीं हम थे जहां

अपने यही दोनों जहां, इस के सिवा जाना कहां

 

कल खेल में हम हो न हो गर्दिश में तारे रहेंगे सदा  -  2

भूलोगे तुम, भूलेंगे वह, पर हम तुम्हारे रहेंगे सदा

रहेंगे यहीं अपने निशान, इस के सिवा जाना कहां

जी चाहे जब हम को आवाज़ दो

हम हैं वहीं हम थे जहां

अपने यही दोनों जहां, इस के सिवा जाना कहां

जीना यहां, मरना यहां, इस के सिवा जाना कहां

 

 

महबूबा आ महबूबा - 45

फ़िल्मः  शोले                  आवाज़ः  राहुल देव बुर्मन

 

महबूबा आ महबूबा 4

गुलशन में गुल खिलते हैं, जब सहरा में मिलते हैं 2

मैं और तू

महबूबा आ महबूबा 2

गुलशन में गुल खिलते हैं, जब सहरा में मिलते हैं 2

मैं और तू

फूल बहारों से निकला, चांद सितारों से निकला 2

दिन डूबा

महबूबा आ महबूबा 2

गुलशन में गुल खिलते हैं, जब सहरा में मिलते हैं 2

मैं और तू

हुस्न-उ-इश्क़ की राहों में, बांहों में, निगाहों में 2

दिन डूबा

महबूबा आ महबूबा 2

गुलशन में गुल खिलते हैं, जब सहरा में मिलते हैं 2

मैं और तू

महबूबा आ महबूबा 4

 

 

यह शहर है अमन का - 46

 

यह शहर है अमन का

यहां की फ़िज़ा है निराली

यहां पे सब शांति शांति है

 

यहां धूप है, यहां छांव है,

यहां चांदनी रात है,

यहां रूप है, यहां रंग है,

यहां हुस्न की बात है,

यहां ख़्वाब है, यहां जशन है,

यहां महफ़िल है, है जवां

यहां शोख़ियां, मदहोशियां,

यहां हर तरफ़ मस्तियां

 

यहां रात है, यहां पत है,

यहां दिल में बस प्यार है

यहां दोस्ती, यहां ज़िंदगी,

दुश्मन यहां यार है

यहां चाहतें, यहां राहतें,

यहां चांद-तारे मिले

यहां सरदियां, यहां गरमियां,

यहां सारे मौसम खिले

 

 

हम तुम एक कमरे में - 47

फिल्मः  बॉबी               आवाज़ः   लता मंगेश्कर और शैलेंद्र सिंघ

 

बाहर से कोई अंदर न आ सके

अंदर से कोई बाहर न जा सके

सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो 2

हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाबी खो जाए 2

 

तेरे नैनों की भूल-भुलैया में बॉबी खो जाए

हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाबी खो जाए

आगे हो घंघोर अंधेरा

     बाबा मुझे डर लगता है

पीछे कोई डाकू लुटेरा

     क्यों डरा रहे हो ?

आगे हो घंघोर अंधेरा

पीछे कोई डाकू लुटेरा

ऊपर भी जाना हो मुश्किल

नीचे भी आना हो मुश्किल

सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो 2

हम तुम कहीं को जा रहे हों और रास्ता भूल जाएं

ओहो

हम तुम कहीं को जा रहे हों और रास्ता भूल जाएं

तेरी बैयां के झूले में सैंया बॉबी झूल जाए

हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाबी खो जाए

 

बस्ती से दूर, पर्बत के पीछे

मस्ती में चूर घने पैड़ों के नीचे

अनदेखी, अनजानी सी जगह हो

बस एक हम हों, दूजी हवा हो

सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो 2

 

हम तुम एक जंगल से गुज़रें और शेर आ जाए

शेर से मैं कहूं, तुम को छोड़ दे, मुझे खा जाए

हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाबी खो जाए

ऐसे क्यों खोए खोए हो

जागे हो कि सोए हुए हो

 

क्या होगा कल किस को ख़बर है

थोड़ा सा मेरे दिल में यह डर है

सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो 2

हम तुम बस यूं ही हंस खेल रहे हों और आंख भर आए 2

तेरे सर की क़सम, तेरे ग़म से बॉबी मर जाए

हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाबी खो जाए

तेरे नैनों की भूल-भुलैया में बॉबी खो जाए

हम तुम 2,  एक कमरे में बंद हों 2

और चाबी खो जाए 3

और चाबी

 

 

ये काली काली आंखें - 48

फ़िल्मः बाज़ीगर                      आवाज़ः  कुमार सानु

 

ये काली काली आंखें, ये गोरे गोरे गाल,              2

ये तीखी तीखी नज़रें, यह हिरनी जैसी चाल

देखा जो तुझे जनम, हुआ है बुरा हाल

ये काली काली आंखें, ये गोरे गोरे गाल,             

ये तीखी तीखी नज़रें, यह हिरनी जैसी चाल

     मैं मिला, तू मिली, ऐ तू मिली, मैं मिला

     मैं मिला, तू मिली, तू मिली, मैं मिला

     दुनिया जले तो जले

     प्यार करेंगे, तुझ पे मरेंगे

     धक धक दिल यह करे

उफ़, तेरी दिल्लगी दिल को जलाने लगी

दिलरुबा, तू मुझे नख़रे दिखाने लगी

ग़ैरों की बांहों में इठला के जाने लगी

यह तेरी बेरुख़ी मुझ को सताने लगी

छोड़ो जी, छोड़ो सनम, ज़िद अपनी छोड़ो सनम

नाज़ुक है दिल यह मेरा, दिल को न तोड़ो सनम

दिल को न तोड़ो सनम

ये लंबी लंबी रातें, आ कर ले मुलाक़ातें

जाने क्यों दिल यह मेरा तेरा ही होना चाहे

ग़स्से में लाल न कर ये गोरे गोरे गाल

ये काली काली आंखें, ये गोरे गोरे गाल,             

ये तीखी तीखी नज़रें, यह हिरनी जैसी चाल

     न तू कर हटपट, कर प्यार झटपट

     मेरी आ जा तू दिक़्क़त, काटा प्यार का टिकट

     न तू ज़ुल्फ़े झटक, न तू पैर  पटक

     अरे ऐसे न मटक, दिल गया है भटक

चेहरे पे तेरे सनम लैला की हैं शोख़ियां

हीर से बढ़ के हैं आंखों की ये मस्तियां

जूलियट की तरह होंठों पे हैं सुर्ख़ियां

देख ले ख़ुद को तू नज़र से मेरी जाने जान

देखी जो तेरी अदा में फ़िदा हो गया

सीने से लग जा ज़रा, जीने का आए मज़ा

जीने का आए मज़ा

ये बिखरी बिखरी ज़ुल्फ़ें, ये झुकी झुकी पलकें

ये गोरी गोरी बांहें, हम क्यों न तुम्हें चाहें

ऐसा तो हम ने पहले देखा नहीं कमाल

ये काली काली आंखें, ये गोरे गोरे गाल,             

ये तीखी तीखी नज़रें, यह हिरनी जैसी चाल

 

 

 

क़सम खा के कहो - 49

फ़िल्मः दिल है तुम्हारा (2002)   आवाज़ः  अल्का यग्निक,  कुमार सानु

 

क़सम खा के कहो, मुसकुरा के कहो

दिल लगा के कहो, पास आ को कहो

तुम को हम से प्यार है  -  4

शर्मा के कहो, बल खा के कहो

हां कहो, ना कहो, बस कहती रहो

तुम को हम से प्यार है  -  4

 

एक अजब सी दिल में हसरत होती है तुम को देख के

चाहे तुम को दिल में चाहत होती है तुम को देख के

हमें प्यार करो, इक़रार करो, सांसों में बसा के रख लो

तुम शाम-ओ-सहर दीदार करो, ख़्वाबों में छुपा के रख लो

नज़र झुका के कहो, पलक उठा के कहो

हां कहो, ना कहो, बस कहती रहो

तुम को हम से प्यार है  -  4

 

एक बेचैनी सी होती है अब तो तेरे नाम से

इश्क़ हुआ जब से न गुज़रा एक लम्हा आराम से

क्या हाल हुआ चाहत में सनम, मुश्किल है तुम से कुछ कहना

है तुम को क़सम महबूब कभी आंखों से दूर न रहना

इतरा के कहो, झिलमिला के कहो

हां कहो, ना कहो, बस कहती रहो

तुम को हम से प्यार है  -  4

 

क़सम खा के कहो, मुसकुरा के कहो

हां कहो, ना कहो, बस कहती रहो

दिल लगा के कहो, पास आ के कहो

तुम को हम से प्यार है  -  4

 

 

कुछ कुछ होता है - 50

फ़िल्मः कुछ कुछ होता है   आवाज़ः उदित नारायण,  अल्का यग्निक   

 

तुम पास आए, यूं मुस्कुराए 2

तुम ने न जाने क्या सपने दिखाए

तुम पास आए, यूं मुस्कुराए

तुम ने न जाने क्या सपने दिखाए             2

अब तो मेरा दिल जागे न सोता है

क्या करूं हाय, कुछ कुछ होता है 2

     न जाने कैसा एहसास है

     बुझती नहीं है क्या प्यास है

क्या नशा इस प्यार का

मुझ पे सनम छाने लगा

     कोई न जाने क्यों चैन खोता है

     क्या करूं हाय, कुछ कुछ होता है 2

क्या रंग लाई मेरी दुआ

यह इश्क़ जाने कैसे हुआ

बेचैनियों में चैन

न जाने क्यों आने लगा

     तन्हाई में दिल यादें संजोता है

     क्या करूं हाय, कुछ कुछ होता है 2

तुम पास आए, यूं मुस्कुराए                2

तुम ने न जाने क्या सपने दिखाए            

अब तो मेरा दिल जागे न सोता है

क्या करूं हाय, कुछ कुछ होता है 2

 

 

 

 

डेड्डी तुम चुप क्यों हो - 51

फ़िल्मः आमने-सामने

 

डेड्डी तुम चुप क्यों हो

नहीं तो

आंटी तुम चुप क्यों हो

मैं? नहीं तो

मैं सब जानता हूं

डेड्डी तुम आंटी से प्यार करते हो

ओ डेड्डी तुम आंटी से प्यार करते हो - 2

लेकिन मुझ से डरते हो

 

चुप, शैतान कहीं का

आंटी तुम डेड्डी से प्यार करती हो - 2

लेकिन मुझ से डरती हो

 

बुरा मत मानना, बच्चा है

कहने दो न, अच्छा है

 

डेड्डी की नज़र झुकती नहीं

आंटी की नज़र उठती नहीं

पीछे रह गया सारा शहर

गाड़ी यह कहीं रुकती नहीं

अरे चलो, उतरो उतरो नीचे जल्दी

आगे आगे तुम चलो, मैं पीछे पीछे

ओ चोरी से तुम आंखें चार करते हो

डेड्डी तुम आंटी से प्यार करते हो

 

हट तेरे की !

धोखा भी दिया, दोले नहीं

मौका भी दिया, बोले नहीं

दाना तो बहुत डाला मगर

चिड़ियों ने मुंह खोले नहीं

अरे लो यह चॉक्लेट और चुप हो जाओ

अच्छा? तुम मुझे रिश्वत देते हो

ओ यानि कि तुम इक़रार करते हो

डेड्डी तुम आंटी से प्यार करते हो

 

खेल खेल में बात क्या हुई

आंसू निकले, खोई हंसी

 

आंटी ने मुझे पप्पी जो दी

मम्मी की मुझे याद आ गयी

आंटी को डेड्डी मेरी मम्मी बना दो

मुझ से अगर तुम प्यार करते हो

डेड्डी तुम आंटी से प्यार करते हो

लेकिन मुझ से डरते हो

 

 

 

चांदी की दीवार न तोड़ी - 52

फ़िल्मः विश्वास         आवाज़ः  मुकेश

 

चांदी की दीवार न तोड़ी

प्यार भरा दिल तोड़ दिया

एक धनवान की बेटी ने

निर्धन का दामन छोड़ दिया           פזמון

चांदी की दीवार न तोड़ी

प्यार भरा दिल तोड़ दिया

 

कल तक जिस ने क़समें खायीं

दुःख में साथ निभाने की

आज वह अपने सुख की ख़ातिर

हो गयी एक बेगाने की

शहनाइयों की गूंज में डब के

रह गयी आह दीवाने की

धनवानों ने दीवाने का

ग़म से रिश्ता जोड़ दिया

 

פזמון                

 

वह क्या समझे प्यार को जिन का

सब कुछ चांदी सोना है

धनवानों की इस दुनिया में

दिल तो एक खिलौना है

सदियों से ही टूटता आया है

दिल का बस यह रोना है

जब तक चाहा, दिल से खेला

और जब चाहा तोड़ दिया

 

פזמון

 

यह दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे - 53

फ़िल्मः शोले - 1975            आवाज़ः   किशोर कुमार - मन्ना डे

 

यह दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे,

तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ न छोड़ेंगे

 

मेरी जीत - तेरी जीत, तेरी हार - मेरी हार,

सुन ए मेरे यार

तेरा ग़म मेरा ग़म, मेरी जान तेरी जान,

ऐसा अपना प्यार

जान पे भी खेलेंगे, तेरे लिये ले लेंगे

सब से दुश्मनी

 

लोगों को आते हैं, दो नज़र हम मगर, देखो दो नहीं

हो जुदा या ख़फ़ा, ऐ क़ुदा, है दुआ, ऐसा हो नहीं

खाना पीना साथ है, मरना जीना साथ है, सारी ज़िंदगी

 

 

तू प्यार है किसी और का - 54

फ़िल्मः दिल है के मानता नही - 1991   

 

तू प्यार है किसी और का, तुझे चाहता कोई और है

तू पसंद है किसी और की, तुझे मांगता कोई और है

 

कौन अपना है, क्या बेगाना है, क्या हक़ीकत है, क्या फसाना है

यह ज़माने में किस ने जाना है

तू नज़र में किसी और की, तुझे देखता कोई और है

 

प्यार में अक्सर ऐसा होता है, कोई हंसता है, कोई रोता है

कोई पाता है, कोई खोता है

तू जान है किसी और की, तुझे जानता कोई और है

 

सोचती हूं मैं, चुप रहूं कैसे, दर्द दिल का यह मैं सहूं कैसे

कशमकश में हूं, यह कहूं कैसे

मेरा हमसफ़र बस एक तू, नहीं दूसरा कोई और है

 

 

आंखों से जो उतरी है दिल में - 55

फ़िल्मः फिर वही दिल लाया हूँ - 1963     आवाज़ः आशा भोसले

 

आंखों से जो उतरी है दिल में - 2

तस्वीर है एक अनजाने की

ख़ुद ढूंढ रही है शम्मा जिसे

क्या बात है उस परवाने की             פזמון

आंखों से जो उतरी है दिल में

 

वह उस की लबों पर शौक़ हसीं - 2

रंगीन शरारत आंखों में

सांसों में मुहब्बत की ख़ुश्बू

वह प्यार की धड़कन बातों में

दुनिया मेरी बदल गयी,

बन के घटा निकल गयी

तौबा वह नज़र मस्ताने की

פזמון

अंदाज़ वह उस के आने का - 2

चुपके से बहार आए जैसे

कहने को घड़ी भर साथ रहा

पर उम्र गुज़र आए जैसे

उन के बिना रोकूंगी नहीं

क़िस्मत से अब जो कहीं

मिल जाए ख़बर दीवाने की

        פזמון       

तस्वीर है एक अनजाने की

ख़ुद ढूंढ रही है शम्मा जिसे

क्या बात है उस परवाने की

आंखों से जो उतरी है दिल में

 

 

आप का ख़त मिला, आप का शुक्रिया - 56

फ़िल्मः शारदा - 1981       आवाज़ः  लता मंगेशकर

 

आप का ख़त मिला, आप का शुक्रिया

आप ने याद मुझ को किया, शुक्रिया, शुक्रिया

 

प्यार में याद करना ही काफ़ी नहीं

आप की भूल क़ाबिल-ए-माफ़ी नहीं

कि रुठ जाएंगे हम, फिर मनाना सनम

यूं कटा आप बिन, एक छोटा सा दिन

जैसे एक साल था, दिल का वह हाल था

आप को क्या ख़बर, क्या है दर्द-ए-जिगर

बस फसाना कोई, एक बहाना कोई

लिख के काग़ज़ पे लिख दिया, शुक्रिया, शुक्रिया

 

आप लिखते हैं मिलने की फ़ुरसत नहीं

छोड़िये बेरुख़ी है यह, उल्फ़त नहीं

हम को था इंतिज़ार, दिल रहा बेक़रार

शाम तक हम रहे रास्ता देखते

थक गयी जब नज़र, तब मिली यह ख़बर

आप आये नहीं, काम था कुछ कहीं

पर हमें ग़म नहीं, यह भी कुछ कम नहीं

दिल के बदले लिफ़ाफ़ा मिला, शुक्रिया, शुक्रिया

 

 

आसमान के नीचे हम आज अपने पीछे - 57

फ़िल्मः ’ज्वेल थिफ’ - 1967      आवाज़ः लता मंगेशकर, किशोर कुमार

 

आसमान के नीचे हम आज अपने पीछे

प्यार का जहां बसा के चले

क़दम के निशां बना के चले

 

तुम चले तो फूल जैसे आंचल के रंग से सज गयीं राहें

पास आओ, मैं पहना दूं चाहत का हार यह खुली खुली बांहें

जिस का हो आंचल ख़ुद ही चमन, कहिये वह क्यों हार बांहों के डाले

 

बोलती हैं आज आंखें, कुछ भी न आज तुम कहने दो हम को

बेख़ुदी बढ़ती चली है, अब तो ख़ामोश ही रहने दो हम को

एक बार एक बार मेरे लिये कह दो खन के लाल होंठों के प्याले

 

साथ मेरे चल के देखो, आयी हैं धुम से अब की बहारें

हर गली, हर मोड़ पे, वह दोनों के नाम से हम को पुकारे, तुम को पुकारे

कह दो बहारों से, आएं इधर, उन तक उठ कर हम नहीं जानेवाले

 

 

 

यह रात भीगी भीगी, ये मस्त फ़िज़ाएं - 58

फ़िल्मः चोरी-चोरी 1956       आवाज़ः लता मंगेशकर,  मन्ना डे

 

यह रात भीगी भीगी, ये मस्त फ़िज़ाएं

उठा धीरे धीरे वह चांद प्यारा प्यारा

क्यों आग सी लगा के गुमसुम है चांदनी

सोने भी नही देता मौसम का यह इशारा

 

इतलाती हवा, निलम सा गगन

कलियों पे यह बेहोशी की नमी

ऐसे में भी क्यों बेचैन है दिल

जीवन में न जाने क्या है कमी

 

जो दिन के उजाले में न मिला

दिल ढूढे ऐसे सपने को

इस रात की झगमग में डूबी

मैं ढूंढ रही हूं अपने को

 

ऐसे में कहीं क्या कोई नहीं

भूले से जो हम को याद करे

एक हल्की सी मुस्कान से जो

सपनों का जहान आबाद करे

 

 

रिमझिम रिमझिम, रुमझुम रुमझुम - 59

फ़िल्मः ‍१९४२ अ लव्ह स्टोरी 1995 

आवाज़ः कविता कृष्णमुर्ती - कुमार सानू

 

रिमझिम रिमझिम, रुमझुम रुमझुम

भीगी भीगी रुत में तुम हम, हम तुम

चलते हैं, चलते हैं

बजता है जलतरंग टिन की छत पे जब

मोतियों जैसा जल बरसे

बूंदों की यह लडी, लायी है वह घड़ी

जिस के लिये हम तरसे

 

बादल की चादरें, ओढ़ी हैं वादियां, सारी दिशाएं सोयी हैं

सपनों के गांव में, भीगी सी छांव में दो आत्माएं खोई हैं

 

आयी है देखने झीलों के आइने में बालों को खोले घटाएं

राहें धुवां धुवां जाएंगे हम कहां, आओ यहीं पे रह जाएं

 

 

आज के इस इंसान को यह क्या हो गया - 60

 

आज के इस इंसान को यह क्या हो गया

इस का पुराना प्यार कहां पर खो गया

कैसी यह मनहूस घड़ी है

भाइयों में जंग छिड़ी है

कहीं पे ख़ून, कहीं पर ज्वाला

जाने क्या है होनेवाला

सब का माथा आज झुका है

आज़ादी का जुलूस रुका है

चारों ओर दग़ा ही दग़ा है

हर छुरे पर ख़ून लगा है

आज दुखी है जनता सारी

रोते हैं लाखों नर नारी

रोते हैं आंगन-गलियारे

रोते आज मुहल्ले सारे

रोती सालमा, रोती है सीता

रोते हैं क़ुरआन और गीता

आज हिमालय चिल्लाता है

कहां पुराना यह नाता है

दस लिया सारे देश को ज़हरी नागों ने

घर को लगा दी आग घर के चिराग़ों ने

अपना देश वह देश था भाई

लाखों बार मुसीबत आयी

इनसानों ने जान गंवायी

पर बहनों की लाज बचायी

लेकिन अब वह बात कहां है

अब तो केवल घात यहां है

चल रही हैं उलटी हवाएं

कांप रही हैं थर थर अबलाएं

आज हर एक आंचल को है ख़तरा

आज हर एक घूंघट को है ख़तरा

ख़तरे में है लाज बहन की

ख़तरे में चुड़ियां दुल्हन की

डरती है हर पांव की पायल

आज कहीं हो जाएं न घायल

आज सलामत कोई न घर है

सब को लुट जाने का डर है

हम ने अपने वतन को देखा

आदमी के पतन को देखा

आज तो बहनों पर भी हमला होता है

दूर किसी कोने में मज़हब रोता है

तिस के सर इलज़ाम धरें हम

आज कहां फ़रियाद करें हम

करते हैं जो आज लड़ाई

सब के सब हैं अपने ही भाई

सब के सब यहां अप्राधी

हाय मुहब्बत सब ने भुला दी

आज बही जो ख़ून की धारा

दोषी उस का समाज है सारा

सुनो ज़रा ओ सुननेवालो

आसमान पर नज़र घुमा लो

एक गगन में करोड़ों तारे

रहते हैं हिल मिल के सारे

कभी न वह आपस में लड़ते

कभी न देखा उन को झगड़ते

कभी नहीं वह छुरे चलाते

नहीं किसी का ख़ुन बहाते

लेकिन इस इंसान को देखो

धर्ति की संतान को देखो

कितना है यह हाय कमीना

इस ने लाखों का सुख छीना

की है इस ने जो आज तबाही

देंगे उस की ये मुखड़े गवाही

आपस की दुश्मनी का यह अंजाम हुआ

दुनिया हंसने लगी, देश बदनाम हुआ

कैसा यह ख़तरे का पहर है

आज हवाओं में भी ज़हर है

कहीं भी देखो बात यही है

हाय भयानक रात यही है

मौत के साये में हर घर है

कब क्या होगा किसे ख़बर है

बंद है खिड़की, बंद हैं द्वारे

बैठे हैं सब डर के मारे

क्या होगा इन बेचारों का

क्या होगा इन लाचारों का

इन का सब कुछ खो सकता है

इन पे हमला हो सकता है

कोई रक्षक नज़र न आता

सोया है आकाश विधाता

यह क्या हाल हुआ अपने संसार का

निकल रहा है आज जनाज़ा प्यार का

 

 

भारत का रहनेवाला हूं - 61

 

जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने

भारत ने मेरे भारत ने

दुनिया को तब तो गिनती आयी

तारों की भाषा भारत ने

दुनिया को पहले सिखलायी

देता न दशमलव भारत को

यूं चांद पे जाना मुश्किल था

धर्ती और चांद की दूरी का

अंदाज़ा लगाना मुश्किल था

सभ्यता जहां पहले आयी

सभ्यता जहां पहले आयी

पहले जन्मी है जहां पे कला

अपना भारत वह भारत है

जिस के पीछे संसार चला

संसार चला और आगे बढ़ा

यूं आगे बढ़ा, बढ़ता ही गया

भगवान करे यह और बढ़े

बढ़ता ही रहे और फूले फले - 2

 

चुप क्यों हो गये ? और सुनाओ

 

है प्रीत जहां की रीत सदा 2

मैं गीत वहां के गाता हूं

भारत का रहनेवाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं

है प्रीत जहां की रीत सदा

काले-गोरे का भेद नहीं, हर दिल से हमारा नाता है

कुछ और न आता हो हम को

हमें प्यार निभाना आता है

जिसे मान चुकी सारी दुनिया

ओ जिसे मान चुकी सारी दुनिया

मैं बात

मैं बात वही दोहराता हूं

भारत का रहनेवाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं

है प्रीत जहां की रीत सदा

जीते हों किसी ने देश तो क्या

हम ने तो दिलों को जीता है

जहां राम अभी तक हैं नर में

नारी में अभी तक सीता है

इतने पावन हैं लोग जहां

ओ इतने पावन हैं लोग जहां

मैं नित नित

मैं नित नित शीशे झुकाता हूं

भारत का रहनेवाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं

इतनी ममता नदियों को भी

जहां माता कह के बुलाते हैं

कितना आदर, इंसान तो क्या

पत्थर भी पूजे जाते हैं

उस धर्ति पे मैं ने जन्म लिया 2

यह सोच

यह सोच कि मैं इतराता हूं

भारत का रहनेवाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं

है प्रीत जहां की रीत सदा

 

 

हिंदुस्तान - 62

 

हिंदुस्तान हिंदुस्तान हिंदुस्तान हिंदुस्तान            2

मेरी आन, मेरी शान, मेरी जान हिंदुस्तान

 

पांच हज़ार वर्ष पहले हमारे देशवासी इसी वेद मंत्र का उच्चारण कर के परम पिता परमात्मा से याचना करते थे सब का भला करो भगवान, सब को सुख और शांति दो । और पांच सौ वर्ष पहले भक्ति-मार्ग के दर्शक गुरु नानक देव ने इसी बात को सरल भाषा में दोहरायाः नानक नाम चढ़दी कला तेरे पाने सर्वत्ता बला

 

हिंदुस्तान हिंदुस्तान हिंदुस्तान हिंदुस्तान           

मेरी आन, मेरी शान, मेरी जान हिंदुस्तान

 

परंतु सब के लिये सुख और शांति मांगनेवाले हिंदुस्तानी क्या ख़ुद शांति से रह सके ? रहते भी तो कैसे ? उन की धर्ती का दूसरा नाम सोने की चिड़िया है, जिस की मिट्टी में सोना और जंगलों में चंदन है । शायद इसी लिये प्रकृति ने इस की सुरक्षा में उत्तर में हिमालय, दक्षिण में हिंद महासागर, पूरब में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में थार का रेगिस्तान बना दिया था ।

 

हिंदुस्तान हिंदुस्तान हिंदुस्तान हिंदुस्तान           

मेरी आन, मेरी शान, मेरी जान हिंदुस्तान

 

फिर भी सोने की चमक और चंदन की ख़ुशबू बाहर के हमलावरों को लुभाती रही । सिकंदर के घोड़ों की तापों ने हमारी धर्ती के सीने की धड़कन तेज़ कर दी । दोग़ोन, मनगोल, अरब, मुग़ल, पुर्तगाली, फ़्रांसीसी और अंग्रेज़ वह भी पीछे न रहा । सब आये और आते ही रहे । शायद नहीं जानते थे कि जहां सब दुनियावाले अपनी अपनी मातृभूमि से प्यार करते हैं वहां हिंदुस्तानी अपनी मातृभूमि की पूजा करते हैं । जी हां, पूजा ।

 

हिंदुस्तान हिंदुस्तान हिंदुस्तान हिंदुस्तान           

मेरी आन, मेरी शान, मेरी जान हिंदुस्तान

 

करोड़ों हिंदुस्तानियों की भावना को शब्दों में ढालते हुए तो बोनकिम बाबू ने कहा था  ------------ वंदे मातरम ।

हमलावरों को हार मान कर वापस जाना पड़ा । पर कुछ लोग यहीं पर ही रह गये। उन्हें हमारी धर्ती मां ने गोद ले लिया। और इतिहास साक्षी है मां ने अपनी कोख में जन्मे और गोद लिये बच्चों में कभी अंतर नहीं देखा । शायद इसी लिये जब जब किसी हमलावर ने हमारी धर्ती के सीने पर पांव रखना चाहा, सब बच्चे सीना तान कर सामने खड़े हो गये और सीमा सुरक्षा की दीवार खड़ी हो गयी ।

 

हिंदुस्तान हिंदुस्तान हिंदुस्तान हिंदुस्तान           

मेरी आन, मेरी शान, मेरी जान हिंदुस्तान

 

हमलावर इस दीवार से टकरा कर वापस जाते रहे । जो 1962 में था, वही सन 1965 और वही 1971 में हुआ । हर बार हिंदुस्तानियों ने वापस जाते हुए दुश्मन की तरफ़ दोस्ती का हाथ बढ़ाया । क्योंकि हमारी मिट्टी ने हमें सिखाया यदि नफ़्रत करनेवाले नफ़्रत का दामन नहीं छोड़ते, तो मुहब्बत करनेवाले मुहब्बत का दामन क्यों छोड़ें

 

हिंदुस्तान हिंदुस्तान हिंदुस्तान हिंदुस्तान           

मेरी आन, मेरी शान, मेरी जान हिंदुस्तान

 

 

 

कभी हंसना है, कभी रोना है - 63

 

कभी हंसना है, कभी रोना है  

जीवन सुख दुख का संगम है

कभी पतझड़ है, कभी सावन है

यह आता जाता मौसम है

कभी हंसना है, कभी रोना है  

जीवन सुख दुख का संगम है

 

कुछ जीने की मजबूरी है

कुछ इसी दुनिया की रस्में हैं

कुछ दिन हैं खोने पाने के

कुछ वादे हैं, कुछ क़स्में हैं

एक बेचैनी सी हर दम है

जीवन सुख दुख का संगम है

कभी पतझड़ है, कभी सावन है

यह आता जाता मौसम है

 

कोई सोता है आंचल के तले

कोई दिल-ममता को तरसता है

कहीं मायूसी की धूप खिली

कहीं प्यार ही प्यार बरसता है

कभी दर्द है तो कभी मरहम है

जीवन सुख दुख का संगम है

कभी हंसना है, कभी रोना है  

जीवन सुख दुख का संगम है

 

गुज़रे हुए लम्हों की यादें

हर बार हमें तड़पाती हैं

एक साया बन के आती है

एक साया बन के जाती है

एक तन्हाई का आलम है

जीवन सुख दुख का संगम है

कभी पतझड़ है, कभी सावन है

यह आता जाता मौसम है

कभी हंसना है, कभी रोना है  

जीवन सुख दुख का संगम है

 

 

मुबारक हो तुम को यह शादी तुम्हारी - 64

 

मुबारक हो तुम को यह शादी तुम्हारी 2

सदा ख़ुश रहो यह दुआ है हमारी

तुम्हारे क़दम चूमे यह दुनिया सारी 2

सदा ख़ुश रहो यह दुआ है हमारी

मुबारक हो तुम को यह शादी तुम्हारी

सदा ख़ुश रहो यह दुआ है हमारी

 

तुम्हारे लिये हैं बहारों के मौसम

न आए कभी ज़िंदगी में कोई ग़म

हमारा है क्या यार हम हैं दिवाले

हमारी तड़प तो कोई भी न जाने

मिले न तुम्हें इश्क़ में बेक़रारी 2

सदा ख़ुश रहो यह दुआ है हमारी

मुबारक हो तुम को यह शादी तुम्हारी

सदा ख़ुश रहो यह दुआ है हमारी

 

कि जन्मों के रिश्ते नहीं तोड़े जाते

सफ़र में नहीं हमसफ़र छोड़े जाते

न रस्म-ओ-रिवाजों को तुम भूल जाना

जो ली है क़सम तो इसे तुम निभाना

कि हम ने तो तन्हा उम्र है गुज़ारी 2

सदा ख़ुश रहो यह दुआ है हमारी

तुम्हारे क़दम चूमे यह दुनिया सारी 2

सदा ख़ुश रहो यह दुआ है हमारी

मुबारक हो तुम को यह शादी तुम्हारी

सदा ख़ुश रहो यह दुआ है हमारी

 

 

 

परदे में रहने दो, परदा न उठाओ - 65

आवाज़ः आशा भोसले

 

परदे में रहने दो, परदा न उठाओ

परदा जो उठ गया तो भेद खुल जाएगा

अल्ला मेरी तौबा, अल्ला मेरी तौबा

 

हाय मेरे परदे में लाख जलवे हैं

कैसे मुझ से नज़र मिलाओगे

जब ज़रा भी नक़ाब उठाऊंगी 2

याद रखना कि

याद रखना कि जल ही जाऊंगी

 

परदे में रहने दो, परदा न उठाओ

.....

 

हाय जिस ने मुझे बनाया है

वह भी मुझ को समझ न पाया है

मुझ को सजदे किये गये सारे - 2

इन फ़रिश्तों ने

इन फ़रिश्तों ने सर झुकाया है

 

परदे में रहने दो, परदा न उठाओ

.....